Book Details
Title Vaiseshika Darsan Mein Dravya Mimamsa: Vyomavati Tika Ke Visshesh Sandarbha Mein
Author Dr. Ayush Gupta
Year 2017
Binding Hardback
Pages 220
ISBN10, ISBN13 9351283429, 9789351283423
Short Description
The Title 'Vaiseshika Darsan Mein Dravya Mimamsa: Vyomavati Tika Ke Visshesh Sandarbha Mein written/authored/edited by Dr. Ayush Gupta', published in the year 2017. The ISBN 9789351283423 is assigned to the Hardcover version of this title. This book has total of pp. 220 (Pages). The publisher of this title is Kalpaz Publications. This Book is in Hindi. The subject of this book is Sanskrit. POD
List Price: US $14.95
Your PriceUS $13.00
You Save10.00%

Similar Books by Keywords:
Hindi (language) | 2017 (year) |
 
9789351283423

  
SEND QUERY
Untitled Document

ABOUT THE BOOK

भारतीय दर्शन के विविध् दार्शनिक विचारों में न्याय एवं वैशेषिक दर्शन का विशेष स्थान है। न्याय वैशेषिक दर्शन के मूल के रूप में ज्ञात न्याय सूत्रा एवं वैशेषिक सूत्रा मूल विचारों के रूप में परिगणित है। वैशेषिक सूत्रा की शैली सूत्रात्मक है, अतः साधरण व्यक्ति के लिए बोध्गम्य बनाने हेतु प्रशस्तपादाचार्य ने वैशेषिक सूत्रा पर प्रशस्तपादभाष्य की रचना की। प्रशस्तपादभाष्य को और अध्कि सरल बनाने के लिए इस भाष्य पर अनेक टीकाओं की रचना हुई। इन टीकाओं में सर्वप्राचीन टीका के रूप में व्योमवती विख्यात है। प्रस्तुत पुस्तक में वैशेषिक प्रणीत नौ द्रव्यों का व्योमवती टीका सम्मत वर्णन किया गया है वैशेषिक प्रणीत द्रव्यों में क्रमशः पृथिवी, जल, तेज, वायु, आकाश, काल, दिक्, आत्मा तथा मनस् परिगणित हैं। प्रत्येक द्रव्य के विषय में व्योमवतीकार ;आचार्य व्योमशिवद्ध ने अपनी टीका में भाष्य के क्रम में वर्णन किया है। व्योमवती टीका प्रशस्तपाद भाष्य पर सर्वप्रथम टीका है, अतः तत्कालीन वैशेषिक विचारों के प्रकटन एवं अवबोध्न हेतु यह पुस्तक सहायक है।

ABOUT THE AUTHOR

डॉ. आयुष गुप्ता (जन्म 12 अक्टूबर 1987 स्थान-महोबा, उ. प्र.) दिल्ली-विश्वविद्यालय के इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में संस्कृत विभाग में कार्यरत हैं। इन्होंने दिल्ली-विश्व विद्यालय के सेंण्ट स्टीपफेन्स महाविद्यालय से स्नातक तथा परास्नातक की उपाधि प्राप्त करके दिल्ली विश्वविद्यालय के ही कला संकाय से एम. फिल. (2009-11) तथा पी.एच.डी. (2011-2016) की उपाधि प्राप्त की। इनके 7 शोध् पत्रा प्रकाशित हैं जिनमें विज्ञान बनाम दर्शनः अन्नमभट्ट प्रतिपादित गुरूत्व के विशेष सन्दर्भ में, वैदिक गणित की उपयोगिता एवं महत्व आदि है। वर्ष 2009 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) से राष्ट्रीय पात्राता परीक्षा (N.E.T.) J.R.F की पात्राता प्राप्त की। 4 जनवरी 2016 से इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में संस्कृत विभाग में सहायक प्राध्यापक (तदर्थ) के रूप में कार्यरत हैं। इण्टरमीडिएट कक्षा तक विज्ञान के छात्रा रहने के कारण संस्कृत साहित्य में निहित विज्ञान एवं वैज्ञानिक तथ्यों की खोज में विशेष रूचि है।        

CONTENTS

विषयानुक्रमणिका
प्राक्कथन     9
भूमिका       13
सङ्केत सूची   17
प्रथम अध्यायः--कणाद से व्योमशिव तक    19
द्वितीय अध्यायः--द्रव्य की अवधरणा         45
तृतीय अध्यायः--अनित्य द्रव्य        61
चतुर्थ अध्यायः--आकाश  115
पञ्चम अध्यायः--काल तथा दिक् 125
षष्ठ अध्यायः--आत्मा      147
सप्तम अध्यायः--मनस्    185
अष्टम अध्यायः--व्योमवती में निःश्रेयस विचार        195
उपसंहार                211
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची               215

Reviews
No reviews added. Be the first one to add review!
Add Review

Write your review about this book. your review will be published within 24 hrs.

*Review
(Max. 200 characters.)
* Name :
*Country :
*Email :
*Type the Code shown
 
 
www.kalpazpublications.com is not be responsible for typing or photographical mistake if any. Prices are subject to change without notice.